हर रात एक नयी कहानी
हर नयी कहानी में वही पुराने राजा रानी
परियों का देश, उड़ने वाला घोडा
सुंदर राजकुमारी दुष्ट जादूगर
खूब सारी हँसी में दुःख भी थोडा
बिटिया और कुछ नही मांगती
बस रोज़ एक नयी कहानी
कैसे बताऊँ उसे............
अब ये कहानी कहने का मन नही करता है
उसकी आंखों में सपने बुनने से मन डरता है
आज राजकुमारी को कोई दुष्ट जादूगर
जन्म से पहले ही सुला देता है
और अगर नही सुलाता है
तो एक डर भरा जीवन उसे अपनी और बुलाता है
डर ..... भरे शहर अकेले आने जाने का
तेजाब की तेज़ आंच में झुलस जाने का
किसी राजकुमार का सपना आँख में बसाकर
फूलों के महल को मन में बिठाकर
दहेज़ kii बलिवेदी पर मिट जाने का
राजा रानी असहाय से निष्क्रिय होकर देखेंगे
बाकी सब केवल सुहानुभूति के फूल फेकेंगे
ऐसे में एक बेटी के बाप का मन रोता है
फिर भी बिटिया की जिद है.....
वो उसे एक अच्छे राजा रानी की कहानी सुनाकर
हर रात झूठ का घूँट भरकर सोता है
5 comments:
बहुत भावपूर्ण रचना-बधाई.
बहुत ही भावपूर्ण रचना.. एक अजीब सी कशमकश लिए हुए
कुछ कह नही पा रहा हूँ अभिजीत बस ..मन कही अटक गया है ....किन्ही शब्दों में ...कुछ उदासी सी फ़ैल गयी है
aapki rachna padh kar bus kahi kho hi gaye
very sensitive poem...
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