इस शब के गुज़रते ही एक शब और होगी
किस्सा चलता ही रहेगा बात अभी और होगी
मोहरों सी ये दुनिया , बिछाती है बिसात
डर ये लगता है दिल को, मात अभी और होगी
आप बावफा तो नहीं यकीन मुझको पर
क़त्ल जो आप करेंगे, वो वफ़ा और होगी
दिन के जलाने वाले मगरूर उजाले से कहो
खौफ खाओ, न जलाओ रात 'अभि' और होगी
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2 comments:
bahut khub,akhari do sher lajawab.
मोहरों सी ये दुनिया , बिछाती है बिसात
डर ये लगता है दिल को, मात अभी और होगी
हाँ, यही डर हर एक को लगता है|
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